<![CDATA[Lok Sabha Elections, Latest Loksabha News Hindi - Loksabhachunav]]> https://loksabhachunav.prabhasakshi.com/ <![CDATA[Delhi: ED ने कहा, के कविता ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसौदिया के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत की साजिश रची ]]> तेलंगाना के पूर्व सीएम के चंद्रशेखर राव की बेटी के कविता की गिरफ्तारी के दो दिन बाद , प्रवर्तन निदेशालय ने सोमवार को कथित शराब नीति घोटाले में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को उनके सह-साजिशकर्ता के रूप में नामित किया । “के कविता ने अन्य लोगों के साथ मिलकर, दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति निर्माण और कार्यान्वयन में लाभ पाने के लिए अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसौदिया के साथ साजिश रची।
ईडी ने कहा, इन एहसानों के बदले में, वह नेताओं को 100 करोड़ रुपये का भुगतान करने में शामिल थी। ”
 आप पार्टी ने ईडी के दावों का खंडन किया 
 ईडी के दावों का खंडन करते हुए आप ने कहा, "पहले भी कई मौकों पर ईडी ने इस तरह के बेहद झूठे और तुच्छ बयान जारी किए हैं, जिससे पता चलता है कि एक तटस्थ जांच एजेंसी होने के बजाय, यह बीजेपी की राजनीतिक शाखा की तरह काम कर रही है।" इसमें कहा गया है कि ईडी के आरोप हर दिन "झूठ फैलाकर और मीडिया में सनसनी पैदा करके" केजरीवाल और मनीष सिसौदिया की छवि खराब करने का एक "हताश प्रयास" है।
ईडी ने अपने बयान में दावा किया कि, “भ्रष्टाचार और साजिश के कृत्यों से… AAP के लिए थोक विक्रेताओं से रिश्वत के रूप में अवैध धन का एक निरंतर प्रवाह उत्पन्न किया गया था। इसके अलावा, के कविता और उसके सहयोगियों को AAP को अग्रिम भुगतान की गई अपराध की आय की वसूली करनी थी और इस पूरी साजिश से अपराध की आय को आगे बढ़ाना था।
यह बयान केजरीवाल में ईडी की दिलचस्पी को कई गुना बढ़ा देता है। पिछले साल अक्टूबर में सिसौदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के एक प्रस्ताव के जवाब में ईडी ने पहली बार कहा था कि वह कथित घोटाले में आप नेतृत्व की भूमिका को देख रहा है। इसके बाद केजरीवाल को समन जारी किया गया। सीएम ने ईडी के सामने पेश होने से इनकार करते हुए तर्क दिया है कि समन अस्पष्ट थे कि उन्हें गवाह के रूप में बुलाया जा रहा है या आरोपी के रूप में।
आप ने अपने जवाब में कहा, ''यहां तक ​​कि सुप्रीम कोर्ट ने भी ईडी के इस दावे को खारिज कर दिया है कि इस मामले में 100 करोड़ रुपये का कोई भी मनी ट्रेल मौजूद है. पूरी दुनिया अब तक जानती है कि पूरा उत्पाद शुल्क मामला फर्जी है और इसका कोई सबूत नहीं है।''
 आप ने कहा, ईडी के पास कोई सबूत नहीं है 
आप ने कहा, "ईडी का बयान, जो कोई नया तथ्य या सबूत पेश नहीं करता है, उसकी हताशा को दर्शाता है क्योंकि उन्होंने 500 से अधिक छापे मारने और हजारों गवाहों से पूछताछ करने के बावजूद एक भी रुपया या सबूत बरामद नहीं किया है।"
“पिछले दो वर्षों से, ईडी इस मामले में अपराध की आय का पता लगाने की कोशिश कर रहा है… लेकिन अब हम जानते हैं कि भाजपा को चुनावी बांड देने वाली लगभग सभी कंपनियों पर पहले ईडी ने छापा मारा था। इसका मतलब है कि ईडी द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाने वाली कंपनियों ने छापे के तुरंत बाद अपराध की आय को भाजपा के खातों में स्थानांतरित कर दिया... इसलिए यदि ईडी को अपराध की आय का पता लगाने में दिलचस्पी है... तो यह भाजपा के खातों में मौजूद है,'' आप ने दावा किया।
अपने बयान में, ईडी ने यह भी रिकॉर्ड किया कि उसके अधिकारियों को कविता के रिश्तेदारों की ओर से रुकावटों का सामना करना पड़ा जब वे 15 मार्च को उनकी गिरफ्तारी से ठीक पहले उनके आवास की तलाशी ले रहे थे - कविता के भाई केटी रामा राव के साथ अन्वेषक भानुप्रिया मीना के विवाद का संदर्भ।
ईडी, जिसने उत्पाद शुल्क नीति मामले में छह आरोपपत्र दायर किए हैं, ने 15 लोगों को गिरफ्तार किया है और 129 करोड़ रुपये की 'अपराध की आय' का पता लगाने का दावा किया है, और इतनी ही राशि की संपत्ति कुर्क की है।
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Tue, 19 Mar 2024 14:34:00 +0530 https://loksabhachunav.prabhasakshi.com/news/ed-said-k-kavitha-plotted-with-cm-arvind-kejriwal-and-sisodia-with-100-crore-paysoff-389600
<![CDATA[Telangana News: तेलंगाना में रफ्तार नहीं पकड़ पा रही BRS और कांग्रेस पार्टी, क्या BJP कमल खिलाने में होगी कामयाब]]> लंबे समय से तेलंगाना चर्चा के केंद्र में बना हुआ है। जिस कारण बीजेपी इस राज्य से दक्षिण भारत में घुसपैठ करने की फिराक में है। बता दें कि बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए को इस बार लोकसभा चुनाव में इस राज्य से काफी उम्मीदें हैं। लेकिन राज्य में राजनीतिक समीकरण रोजाना बदल रहे हैं। हांलाकि चुनाव से पहले पार्टी के छोड़ अन्य दल में नेताओं के शामिल होने का सिलसिला तेज हो गया है। तेलंगाना में एक ही चरण में 19 अप्रैल को वोटिंग होगी।

दक्षिण राज्य तेलंगाना में वर्तमान में कांग्रेस की सरकार है। लेकिन साल 2024 के लोकसभा चुनावों को लेकर ताजे ओपिनियन पोल में भाजपा तेलंगाना में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी रही है। सर्वे में सामने आया है कि राज्य में भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर बताई जा रही है। ऐसे में अंदाजा लगाया जा रहा है कि भाजपा की सीटों की संख्या कांग्रेस से ज्यादा रह सकती है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, राज्य में कांग्रेस की सरकार होने के बाद भी पार्टी को अधिक सीटें नहीं मिल पाएंगी। 

बता दें कि तेलंगाना में कुल लोकसभा सीटों की संख्या 17 है। ऐसे में कांग्रेस पार्टी ने राज्य में चुनाव जीतने की कमान रेवंत रेड्डी को सौंपी है। अनुमान जताया जा रहा है कि राज्य में भाजपा और कांग्रेस के बीच आमने-सामने की टक्कर होने की संभावना है। जहां भाजपा के खाते में 8 सीटें तो वहीं पहली बार राज्य में सत्ता में आई कांग्रेस को 6 सीटें मिल सकती हैं। वहीं भारतीय राष्ट्र समिति को 2 सीटें मिलने का अनुमान जताया जा रहा है। वहीं एक सीट अन्य के खाते में जा सकती है।

साल 2019 के नतीजे
साल 2019 के लोकसभा चुनावों में तेलंगाना में 17 सीटों में BRS ने 9 सीटों पर जीत हासिल की थी। वहीं भाजपा के खाते में सिर्फ 4 सीटें आई थीं। कांग्रेस को 3 और AIMIM को 1 सीट मिली थी। हैदराबाद से असदद्दीन ओवैसी को जीत हासिल हुई थी। राज्य विधानसभा चुनावों में जीत हासिल करने के बाद कांग्रेस को तेलंगाना से काफी उम्मीदें हैं। इसके लिए सत्तारूढ़ पार्टी की तरफ से कई चुनावी गारंटियों को भी लागू किया गया है। लेकिन पीएम मोदी की गारंटी कांग्रेस पर भारी पड़ती दिख रही है। भाजपा ने AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी को घेरने के लिए हैदराबाद से माधवी लता को चुनावी मैदान में उतारा है।
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Mon, 18 Mar 2024 19:27:00 +0530 https://loksabhachunav.prabhasakshi.com/news/brs-and-congress-party-not-able-to-gain-momentum-in-telangana-will-bjp-successful-lotus-bloom-389527
<![CDATA[Job Creation in Modi Govt: PM मोदी के कार्यकाल में 1.25 करोड़ लोगों को मिला रोजगार का अवसर, गढ़े गए नए कीर्तिमान]]> केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव ने जानकारी देते हुए बताया कि मोदी सरकार के शासनकाल में 1.25 करोड़ रोजगार पैदा हुए हैं। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के नेतृत्व में रोजगार के अवसरों में तेजी से बढ़ोत्तरी देखने को मिली है। इस दौरान करीब 1.25 करोड़ नए रोजगार के अवसर पैदा हुए हैं। श्रम और रोजगार मंत्रालय की ओर से किए गए कई संस्थान-आधारित श्रम सर्वेक्षणों का भी भूपेंद्र यादव ने जिक्र किया। 

केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री ने बताया कि साल 2014 से 2022 के बीच करीब 1.25 करोड़ नए रोजगार अवसरों का सृजन हुआ है। आपको बता दें कि भूपेद्र यादव मोदी सरकार के कार्यकाल में सरकार की उपलब्धियों के बारे में जानकारी दे रहे थे। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के आंकड़ों का हवाला देते हुए भूपेंद्र यादव ने बताया कि कर्मचारी पेंशन योजना 1995 के तहत पेंशनभोगियों की संख्या वित्त साल 2021-22 में 72 लाख हो गई है।

वहीं साल 2014-15 में इनकी संख्या 51 लाख थी। भूपेंद्र यादव ने बताया कि इस दौरान करीब 22 लाख लोग रिटायर हुए थे। इस दौरान करीब 22 लाख लोग रिटायर हुए। लेकिन लगातार ईपीएफओ द्वारा संचालित सामाजिक सुरक्षा योजना जरिए पंजीकरण में बढ़ोत्तरी देखने को मिली है। श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव ने बताया कि साल 2014-15 में EPFO के रजिस्टर्ड सब्सक्राइबर्स की कुल संख्या 15.84 करोड़ थी। जो साल 2021-22 में यह संख्या बढ़कर 27.73 करोड़ हो गई है।

इसके अलावा ईपीएफओ के अप्रैल महीने के लिए जारी किए पेरोल आंकड़े का जिक्र करते हुए कहा गया कि अप्रैल के महीने में 17.20 लाख नए सदस्य ईपीएफओ का हिस्सा बने हैं। भूपेंद्र यादव ने बताया कि NCS पोर्टल ने पिछले 9 सालों में करीब 1.39 करोड़ खाली पदों की सूचना जुटाने में मदद की है। उन्होंने बताया कि पीएम मोदी का पूरा फोकस सुशासन, कल्याण और सेवा पर रहा है। पीएम मोदी ने जन सेवा के साथ ही सबका साथ सबका विकास की बात करते हैं। वहीं देश में संगठित और असंगठित दोनों तरह के श्रमिकों का ख्याल रखा है।
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Mon, 18 Mar 2024 18:18:00 +0530 https://loksabhachunav.prabhasakshi.com/news/during-tenure-of-pm-modi-125-crore-people-got-employment-opportunities-new-records-created-389505
<![CDATA[Devendra Fadnavis: 'मैं फिर आऊंगा' वाले बयान का मजाक बनाने पर डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कसा तंज, इन्हें बताया धोखेबाज]]> महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि उन्होंने 'मी पुन्हा येइन' कहा था। जिसका हिंदी में अर्त होता है कि मैं फिर आऊंगा। डिप्टी सीएम ने बताया कि उनका यह वाक्य काफी फेमस हुआ था। डिप्टी सीएम फडणवीस ने बताया कि जब उनकी सरकार नहीं आई, तो इसे लेकर काफी ज्यादा मजाक उड़ाया गया था। लेकिन वह दोबारा आए औऱ साथ में दो पार्टियों को तोड़कर आए। फिर भले ही उनको आने में थोड़ा समय लगा।

डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने रविवार को मुंबई में 'अगर कांग्रेस नहीं होती तो देश में क्या होता' नामक पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम में कही थी। सीएम एकनाथ शिंदे के विद्रोह के बाद जून 2023 में शिवसेना विभाजित हो गई थी। वहीं पिछले साल अजित पवार के बीजेपी से हाथ मिलाने के बाद राकांपा दो धड़ों में बंट गई थी। राज्य के उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि मैं फिर आऊंगा, सिर्फ एक वाक्य नहीं था। बल्कि वह किसके लिए आएंगे, क्या काम करेंगे इन सब से था। लेकिन उनके द्वारा कहा गया यह वाक्य काफी फेमस हुआ था।

लेकिन जब लोगों ने उन्हें चुना तो उद्धव ठाकरे ने अपने स्वार्थ के लिए हमारी पीठ में छूरा घोंपने का काम किया था। ऐसे में दोबारा सत्ता में आने से सराहना हुई, लेकिन जब नहीं आए थे तो आलोचना भी हुई। यह सच्चाई है कि सत्ता में दोबारा वापसी करने में ढाई साल लग गए, लेकिन जब वह आए तो दो पार्टियों को तोड़कर आए। फडणवीस ने बताया कि यदि कांग्रेस नहीं तो भारत का बंटवारा नहीं हुआ होता। कांग्रेस के न होने पर अत्यातार, दुराचार और भ्रष्टाचार नहीं होता। 

ऐसा नहीं होने पर देश विकसित हो चुका होता और सांस्कृतिक रूप से देश आगे होता। देश में धारा 370 जैसी गलतियां नहीं होती। 30 से 40 साल पहले राज्य में राजनीति सिर्फ एक परिवार के लिए होती थी। इनमें पहले कुछ बाहुबली भी होते थे। लेकिन अब समय बदल चुका है। डिप्टी सीएम फडणवीस ने कहा कि भाजपा ने बड़ी संख्या में सीटें जीती थी। जो शिवसेना के साथ सरकार बना सकती थीं। लेकिन उद्धव ठाकरे के धोखे के कारण उनको विपक्ष में बैठना पड़ा था।
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Mon, 18 Mar 2024 17:45:00 +0530 https://loksabhachunav.prabhasakshi.com/news/deputy-cm-devendra-fadnavis-took-dig-people-making-fun-of-i-come-again-called-them-fraudsters-389497
<![CDATA[Andhra Pradesh: PM Modi की पहली एनडीए रैली चंद्रबाबू नायडू और पवन कल्याण के साथ संबोधित करेंगे]]> प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 17 मार्च को आंध्र प्रदेश के पालनाडु जिले के चिलकलुरिपेट शहर के पास बोप्पुडी गांव में प्रस्तावित एक विशाल सार्वजनिक रैली में तेलुगु देशम पार्टी के अध्यक्ष एन चंद्रबाबू नायडू और जन सेना पार्टी के प्रमुख और अभिनेता पवन कल्याण के साथ मंच साझा करेंगे। घटनाक्रम से वाकिफ एक टीडीपी नेता ने कहा कि पार्टी को मंगलवार को प्रधानमंत्री कार्यालय से एक पत्र मिला, जिसमें चिलकलुरिपेट रैली में हिस्सा लेने के लिए मोदी की आंध्र प्रदेश यात्रा की पुष्टि की गई है। प्रजागलम नाम की यह बैठक आंध्र प्रदेश में 13 मई को एक साथ होने वाले विधान सभा और लोकसभा चुनावों से पहले एनडीए की पहली चुनावी बैठक होगी।
आंध्र प्रदेश में पीएम मोदी की रैली पर मुख्य अपडेट
-टीडीपी सुप्रीमो एन चंद्रबाबू नायडू और जनसेना प्रमुख पवन कल्याण भी पीएम मोदी की रैली में हिस्सा लेंगे, जो 2024 के चुनावों के लिए आंध्र प्रदेश में पहली एनडीए चुनावी बैठक होगी।
- तीनों गठबंधन सहयोगी टीडीपी, जनसेना और बीजेपी 10 साल बाद मिलेंगे और मोदी, नायडू और कल्याण लंबे समय के बाद एक ही चुनावी मंच पर नजर आएंगे।
- बैठक की तैयारी में, टीडीपी ने मोदी, नायडू और कल्याण की छवियों वाला एक विशेष लोगो जारी किया।
- 11 मार्च को उंदावल्ली में नायडू के आंध्र प्रदेश आवास पर हुई मैराथन चर्चा के बाद एनडीए सहयोगियों ने लोकसभा और राज्य चुनावों के लिए अपने सीट-बंटवारे के फॉर्मूले को अंतिम रूप दिया, जिसके तहत भाजपा छह लोकसभा और 10 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जबकि टीडीपी लड़ेगी। 17 संसदीय और 144 राज्य सीटों पर।
- पवन कल्याण की जनसेना दो लोकसभा और 21 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
- नायडू ने विधानसभा चुनाव के लिए 128 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी है जबकि 16 और उम्मीदवारों के नाम अभी बाकी हैं, जिनकी घोषणा अब किसी भी समय हो सकती है।
- नायडू ने कुछ दिन पहले कहा था कि पीएम मोदी के गतिशील और दूरदर्शी नेतृत्व में बीजेपी, जनसेना और टीडीपी ने आंध्र प्रदेश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ लड़ने का फैसला किया है। नायडू ने कहा कि एनडीए के साझेदार सीट-बंटवारे पर चर्चा के दौरान राज्य और उसके भविष्य के हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता और एक प्रमुख प्रेरक कारक बनाने पर सहमत हुए।
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Mon, 18 Mar 2024 14:45:00 +0530 https://loksabhachunav.prabhasakshi.com/news/pm-modi-address-his-first-nda-rally-with-chandrababu-naidu-and-pawan-kalyan-389443
<![CDATA[Tourism Ministry: मोदी सरकार के नेतृत्व में धार्मिक पर्यटन को लगे पंख, देश में बदल दी टूरिज्म की तस्वीर]]> प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देशभर में पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ ही इसके जरिए होने वाले रोजगार सृजन को लेकर लगातार प्रयासरत हैं। मोदी सरकार देश के पर्यटन स्थलों के विकास और प्रचार को लेकर सतत कोशिश कर रही है। जिसके परिणामस्वरूप देश में जितनी तेजी से पर्यटन की संभावना बढ़ी है, उतनी ही तेजी से पर्यटकों की संख्या में इजाफा हुआ है। अयोध्या के श्रीराम मंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद से ही राम नगरी में पर्यटकों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है।

देश के पर्यटन के प्रति दुनिया का आकर्षण कैसे बढ़े, इसके लिए जो पीएम मोदी प्रयास कर रहे हैं। वह पीएम के हर दौरे में दिखाई दे रहा है। जैसे हाल ही में पीएम मोदी ने असम स्थित काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में सेंट्रल कोहोरा रेंज में हाथी सफारी और जीप सफारी की। इसके बाद पीएम ने वहां की तस्वीर शेयर करते हुए पर्यटकों से वहां पहुंचने का आह्वान भी किया। इससे पहले देश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पीएम मोदी ने 'स्वदेश दर्शन 2.0' योजना का शुभारंभ किया। इसके तहत देश के विभिन्न हिस्सों में करीब 53 परियोजनाओं का डिजिटल तरीके से उद्घाटन किया गया था।

वहीं जम्मू-कश्मीर के दौरे में वहां के स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पीएम मोदी ने 'वेड इन इंडिया' अभियान की वकालत की थी। इसके अलावा प्रवासी भारतीयों से परिवार के सदस्यों को भी देश के भ्रमण पर भेजने और विदेशी लोगों द्वारा भारत घूमने आने के लिए 'चलो इंडिया' कार्यक्रम से जुड़ने का आह्वान किया था। यहां से ही पीएम ने 'देखो अपना देश पीपल्स चॉइस 2024' की शुरूआत की थी। 

इससे पहले गुजरात दौरे पर प्रधानमंत्री द्वारकाधीश मंदिर के दर्शन और पूजा अर्चना के लिए पहुंचे थे। जलमग्न हुई द्वारका नगरी को देखने के लिए पीएम समुद्र में पानी के अंदर गए थे। इसके साथ ही उनकी स्कूबा डाइविंग करते हुए फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है। प्रधानमंत्री के इस कार्यक्रम के बाद गुजरात में पर्यटकों की संख्या में वृद्धि हुई है।

पीएम मोदी की लक्षद्वीप की यात्रा तो आप सभी को याद होगी। लक्षद्वीप में उन्होंने बीच पर टहलते हुए तस्वीर शेयर की थी। जिसके बाद यह लोगों के बीच फेमस हो गया। साथ ही पीएम की स्कूबा डाइविंग की वीडियो ने सोशल मीडिया पर खूब तहलका मचाया था। पीएम मोदी के बाद कई फेमस हस्तियों ने भी सोशल मीडिया के जरिए लक्षद्वीप की खूब तारीफ की थी। जिसके बाद गूगल सर्च पर लक्षद्वीप को खोजे जाने का रिकॉर्ड बन गया। वहीं पीएम द्वारा गंगटोक, केदारनाथ जैसी जगहों पर भ्रमण कर पर्यटक को बढ़ावा दिया गया।

मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से ही पर्यटन मंत्रालय की तरफ से पर्यटन को बढ़ावा दिए जाने की सतत कोशिश की जा रही है। वहीं पर्यटन मंत्रालय के 'तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक विरासत संवर्धन अभियान' के तहत वित्त पोषित 46 परियोजनाओं में से सिर्फ आधा दर्जन स्थल सिख या मुस्लिम के हैं।
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Sat, 16 Mar 2024 19:57:00 +0530 https://loksabhachunav.prabhasakshi.com/news/religious-tourism-got-wings-under-leadership-of-modi-government-changed-picture-of-tourism-389233
<![CDATA[Arunachal Pradesh News: PM मोदी के अरुणाचल प्रदेश के दौरे पर बौखलाई चीनी सेना, भारत को दी गीदड़भभकी]]> चीन ने अरुणाचल प्रदेश को भारत का नहीं बल्कि अपना हिस्सा बताया है। साथ ही अरुणाचल प्रदेश का नाम 'जंगनान' बताया है। बता दें कि चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता झांग जियाओगांग ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि जंगनान एक चीनी क्षेत्र है। चीनी सरकार ने कभी भी तथाकथित 'अरुणाचल प्रदेश' को न तो कभी मान्यता दी है और न ही आगे देंगे। वहीं भारत के अवैध रूप से स्थापित अरुणाचल प्रदेश का भी चीनी सरकार कड़ा विरोध करती है। जियाओगांग ने कहा कि चीनी सरकार भारत से विवादों का शांतिपूर्वक हल चाहता है। 

ऐसे में भारत सीमा मुद्दों को जटिल बनाने वाली कार्रवाई को बंद करने के साथ ही सीमावर्ती क्षेत्रों में प्रभावी ढंग से शांति और स्थिरता बनाए रखना चाहिए। आपको बता दें कि हाल ही में पीएम मोदी ने अरुणाचल प्रदेश और असम का दौरा किया था। इस बीच पीएम ने सेला सुरंग का उद्घाटन किया था। सशस्त्र बलों की तैयारियों में यह सुरंग मददगार होगी। जिसके बाद से चीन भारत पर भड़का हुआ है। वहीं बीजिंग का कहना है कि भारत-चीन सीमा का प्रश्न अभी तक हल नहीं हुआ है। ऐसे में भारत देश को इस तरह की चीजों से बचना चाहिए। 

पीएम मोदी के अरुणाचल प्रदेश के दौरे के बाद चीन और भारत की तरफ से कई बयान जारी किए जा चुके हैं। चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश पर किए गए सभी दावों को भारत ने सिरे से खारिज कर दिया। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश भारत का एक अभिन्न हिस्सा है और हमेशा रहेगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अरुणाचल प्रदेश के दौरे के बाद चीन ने कहा कि उसने कभी अरुणाचल प्रदेश को मान्यता नहीं दी है। ऐसे में इस क्षेत्र को मनमाने ढंग से विकसित करने का भारत को कोई अधिकार नहीं है। हांलाकि यह पहली बार नहीं है, जब अरुणाचल प्रदेश को लेकर चीन की इस तरह की प्रतिक्रिया सामने आई है। लंबे समय से अरुणाचल प्रदेश पर चीन अपना अधिकार जताता आ रहा है। साथ ही भारत के राष्ट्रीय नेताओं के अरुणाचल प्रदेश जाने पर भी चीन ऐतराज जताता रहा है।

दरअसल, चीन अरुणाचल प्रदेश को दक्षिणी तिब्बत बताता रहा है। चीन तिब्बत के अलावा अरुणाचल प्रदेश पर भी अपना दावा करता है। बता दें कि चीन और भारत के बीच मैकमोहन रेखा को ही अंतरराष्ट्रीय सीमा रेखा माना गया है। लेकिन चीन इसको पूरी तरह से खारिज करता है। चीन का कहना है कि भारत के पास तिब्बत का बड़ा हिस्सा है, जो भारत को उसे वापस कर देना चाहिए।
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Sat, 16 Mar 2024 18:15:00 +0530 https://loksabhachunav.prabhasakshi.com/news/chinese-army-gets-angry-on-pm-modi-visit-to-arunachal-pradesh-shouts-at-india-389218
<![CDATA[Telangana: नागरकुर्नूल में बोले PM Modi, 'तेलंगाना के लोग भी कह रहे हैं तीसरी बार मोदी सरकार', जानें 5 मुख्य बातें]]> प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 16 मार्च को तेलंगाना के नागरकुर्नूल में एक जनसभा को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान कांग्रेस और बीआरएस की आलोचना की और कहा कि उन्होंने 'तेलंगाना के लोगों के सारे सपने चकनाचूर कर दिए'
यहां पीएम मोदी के संबोधन की मुख्य बातें हैं
- पीएम मोदी ने कहा कि, जैसा कि चुनाव आयोग आज 2024 के लोकसभा चुनावों के कार्यक्रम की घोषणा करेगा, पीएम मोदी ने कहा कि देश के लोगों ने चुनाव की तारीखों की आधिकारिक घोषणा होने से पहले ही परिणामों की घोषणा कर दी है। उन्होंने कहा, "कुछ देर में दिल्ली में चुनाव की तारीखों (लोकसभा चुनाव 2024 के लिए) की घोषणा की जाएगी। हालांकि, देश के लोगों ने चुनाव की तारीखों की आधिकारिक घोषणा से पहले ही नतीजों की घोषणा कर दी है। देश ने 'अबकी बार 400 पार' की घोषणा कर दी है।" और यहां नगरकुर्नूल में भीड़ इसका प्रमाण है।" 
-प्रधानमंत्री ने विधानसभा चुनाव के दौरान 2023 में राज्य के अपने दौरे पर भी बात की। उन्होंने कहा, “मैंने (2023) विधानसभा चुनाव के दौरान तेलंगाना का दौरा किया था। उस वक्त मुझे एहसास हुआ कि लोग वाकई बीआरएस से नाराज हैं। और आज, मैं देख सकता हूं कि तेलंगाना के लोगों ने मोदी को फिर से चुनने का फैसला किया है।"
-अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने यह भी कहा कि वह अपने 140 करोड़ परिवार के सदस्यों के लिए दिन-रात रहे और काम किया। उन्होंने यह भी बताया कि मोदी की गारंटी का मतलब है- किए गए वादे पूरे करने की गारंटी. "मोदी का परिवार 140 करोड़ भारतीय हैं।उन्होंने कहा- पिछले 23 वर्षों से, पहले सीएम और अब पीएम के रूप में काम करते हुए, आपने मुझे सेवा करने का मौका दिया। मैंने कभी भी किसी भी दिन का उपयोग अपने लिए नहीं किया। अगर मैंने दिन-रात रहकर काम किया है।" यह 140 करोड़ परिवार के सदस्यों के लिए है। मोदी की गारंटी का मतलब है - दी गई गारंटी को पूरा करने की गारंटी।'' 
- प्रधानमंत्री ने राज्य की वर्तमान और पिछली सरकार की भी आलोचना की और कहा, “कांग्रेस और बीआरएस ने तेलंगाना के सभी सपनों को चकनाचूर कर दिया है। पहले, यह बीआरएस की 'महालूट' थी और अब यह कांग्रेस की 'बुरी नज़र' है। कांग्रेस के लिए 5 साल भी काफी हैं तेलंगाना को बर्बाद करने के लिए...तेलंगाना की जनता भी कह रही है 'तीसरी बार मोदी सरकार', तेलंगाना में लाया जाए।”
- पीएम मोदी ने जनता को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि "कोई भी भ्रष्ट व्यक्ति बच नहीं पाएगा"। उनका यह बयान बीआरएस नेता कविता को 15 मार्च को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी द्वारा गिरफ्तार किए जाने के एक दिन बाद आया। इससे पहले दिन में ईडी ने छापेमारी की थी हैदराबाद में बीआरएस एमएलसी और तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी के कविता का परिसर।
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Sat, 16 Mar 2024 14:55:00 +0530 https://loksabhachunav.prabhasakshi.com/news/pm-modi-said-in-nagarkurnool-people-of-telangana-saying-modi-government-for-the-third-time-389165
<![CDATA[Ministry of Home Affairs: PM मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की जोड़ी ने लिए कई ऐतिहासिक फैसले, देश को दी नई ऊंचाइयां]]> देश के प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के रूप में मोदी और शाह को अतिरिक्त कोशिश नहीं करनी पड़ी। क्योंकि यह दोनों लंबे समय तक एक-दूसरे के साथ काम कर चुके हैं। तो आइए जानते हैं मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में गृह मंत्रालय की तरफ से उठाए गए अहम कदमों के बारे में।
मोदी सरकार का दूसरा कार्यकाल काफी उबलब्धियों से भरा रहा।
 
केंद्र सरकार ने तमाम ऐतिहासिक फैसले लेते हुए देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में वोकल फॉर लोकल पर जोर दिया। जहां कोरोना महामारी ने देश की अर्थव्यवस्था को हिला कर रख दिया है। तो वहीं पीएम मोदी की अपील पर देश में लोकल उत्पादों का चलन काफी बढ़ गया है।
 
वहीं पीएम मोदी और देश के गृहमंत्री अमित शाह लंबे समय से एक-दूसरे के साथ काम कर चुके हैं। गुजरात में भी इन दोनों की जोड़ी नंबर वन और नंबर टू की भूमिका में रही। ऐसे में प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के रूप में मोदी और शाह को अतिरिक्त कोशिश नहीं करनी पड़ी।

ट्रिपल तलाक का खात्मा
ट्रिपल तलाक का मामला सालों से लंबित चल रहा था। वहीं इसे सामाजिक समानता पर धब्बे के तौर पर देखा जा रहा था। ऐसे में पीएम मोदी की प्रेरणा से गृहमंत्री अमित शाह के नेतृत्व में इस दकियानूस परंपरा को खत्म कर दिया गया। मोदी सरकार के यह फैसला मुस्लिम महिलाओं के लिए वरदान साबित हुआ था।

जम्मू कश्मीर से धारा 370 और अनुच्छेद 35A हटाना
वहीं गृह मंत्रालय का दूसरा अहम फैसला कश्मीर से धारा 370 और अनुच्छेद 35A हटाना है। देश की आजादी के तौर पर इसे एक बड़ी समस्या के तौर पर देखा जा रहा था। लेकिन अमित शाह ने इसे बेहद सरल तरीके से खत्म किया। यह फैसला मोदी सरकार 2.0 की एक बड़ी सफलता के रूप में माना जा सकता है। संसद में कानून बनाकर जम्मू-कश्मीर और लेह लद्दाख को केंद्रशासित प्रदेश बनाना मोदी सरकार का एक बड़ा ऐतिहासिक कदम था।

नागरिकता संशोधन कानून
सालों से नागरिकता संशोधन कानून की मांग होती रही। वहीं विदेशों में धार्मिक उत्पीड़न के चलते भारत देश में आए शरणार्थियों को नागरिकता मिलनी चाहिए। लेकिन तमाम सामाजिक और राजनीतिक वजहों से देश में आने वाले पड़ोसी मुल्कों के हिंदू शरणार्थिय़ों को नागरिकता का अधिकार नहीं मिला। हांलाकि इस मामले पर काफी राजनीतिक विवाद बढ़ा और सामाजिक तनाव भी पैदा हुआ। लेकिन तमाम मुश्किलों को पार करते हुए मोदी सरकार ने द्वारा इस कानून को पास करा लिया गया।

सामाजिक तनाव
सुप्रीम कोर्ट के राममंदिर पर फैसला आने के बाद देश के माहौल को शांत रखना और सामाजिक तनाव नहीं बढ़ने देना भी मोदी सरकार की एक बड़ी उपलब्धि के तौर पर देखा जाता है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले समाज के सभी पक्षों को जोड़कर बातचीत की गई। सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुनाए गई किसी भी तरह के फैसले को स्वीकार करने के लिए दोनों ही धर्म के प्रभावशाली लोगों से अपील करवाई गई। जो मोदी सरकार की बड़ी सफलता है। इतने बड़े फैसले के बाद कानून व्यवस्था को कंट्रोल में रखना बड़ी बात है।

स्वदेशी का फैसला
कोरोना काल में देश की अर्थव्यवस्था चरमरा गई थी। अर्थव्यवस्था को ताकत देने के लिए पीएम मोदी ने स्वदेशी को अपनाने और बढ़ावा देने के लिए 'वोकल ऑफ लोकल' के फॉर्मूले पर जोर दिया। वहीं इस कार्य में देश के गृहमंत्री अमित शाह ने दो कदम आगे बढ़ाते हुए सभी अर्द्धसैनिक बलों की कैंटीन में पूरी तरह से स्वदेशी सामानों की बिक्री किए जाने का आदेश लागू करवाया। यह फैसला देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में अहम कदम माना गया। 

सीएए
वहीं हाल ही में केंद्र की मोदी सरकार ने नागरिकता संशोधन अधिनियम नियमों की अधिसूचना जारी की है। केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा CAA के नियमों को लेकर अधिसूचना जारी की। लोकसभा चुनाव 2024 की घोषणा से पहले CAA नियमों की अधिसूचना जारी होनी केंद्र सरकार की बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
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Fri, 15 Mar 2024 19:35:00 +0530 https://loksabhachunav.prabhasakshi.com/news/pm-modi-and-home-minister-amit-shah-took-many-historic-decisions-gave-new-heights-to-country-389061
<![CDATA[Allahabad High Court: लिव-इन-रिलेशनशिप में नहीं रह सकते विपरीत धर्म के कपल, सहमति के बाद भी धर्मांतरण निषेध कानून लागू होगा]]> बार और बेंच की रिपोर्ट के अनुसार, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया कि जबरन और धोखाधड़ी से धर्म परिवर्तन के खिलाफ उत्तर प्रदेश का कानून लिव-इन जोड़ों पर लागू होता है।
2021 में पारित उत्तर प्रदेश गैरकानूनी धर्म परिवर्तन निषेध अधिनियम, विवाह, छल, जबरदस्ती या प्रलोभन के माध्यम से धार्मिक रूपांतरण को गैरकानूनी घोषित करता है। जाहिर तौर पर इसका उद्देश्य "लव जिहाद" से निपटना है - हिंदुत्व समूहों द्वारा समर्थित एक साजिश सिद्धांत, जिसमें आरोप लगाया गया है कि हिंदू महिलाओं को मुसलमानों द्वारा शादी के माध्यम से जबरन धर्मांतरित किया जाता है।
 इलाहाबाद हाईकोर्ट  ने नहीं दी सुरक्षा
5 मार्च को, उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति रेनू अग्रवाल ने एक अंतरधार्मिक जोड़े को सुरक्षा देने से इनकार कर दिया, जिन्होंने इस साल की शुरुआत में आर्य समाज रीति-रिवाजों के तहत शादी की थी। उन्होंने अपनी शादी के ऑनलाइन पंजीकरण के लिए आवेदन किया था, जो लंबित है। याचिकाकर्ताओं, एक मुस्लिम महिला और एक हिंदू पुरुष, ने अपना धर्म नहीं बदला।
कोर्ट ने कहा कि धर्मांतरण विरोधी कानून के मुताबिक अंतरधार्मिक जोड़ों के लिए धर्मांतरण के लिए आवेदन करना अनिवार्य है। “याचिकाकर्ताओं ने अभी तक अधिनियम की धारा 8 और 9 के प्रावधानों के अनुसार रूपांतरण के लिए आवेदन नहीं किया है, इसलिए, याचिकाकर्ताओं के रिश्ते को कानून के प्रावधानों के उल्लंघन में संरक्षित नहीं किया जा सकता है।”
क्या है धर्मांतरण निषेध कानून?
कानून की धारा 8 उन लोगों को निर्देश देती है जो अपना धर्म बदलना चाहते हैं, उन्हें धर्म परिवर्तन से 60 दिन पहले जिला मजिस्ट्रेट को इसकी घोषणा करनी होगी। "धार्मिक परिवर्तक" को धर्म परिवर्तन समारोह होने से एक महीने पहले जिला मजिस्ट्रेट को स्थान की घोषणा भी करनी होगी।
धारा 9 में कहा गया है कि रूपांतरण के बाद, व्यक्ति को अपने माता-पिता का नाम, पता, व्यवसाय, आय, समारोह की देखरेख करने वाले पुजारी का नाम और गवाहों के नाम जैसे विवरण प्रशासन के साथ साझा करना होगा।
इसके बाद जिला मजिस्ट्रेट का कार्यालय इन विवरणों को सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित करता है और अगले तीन हफ्तों के लिए रूपांतरण पर आपत्तियां दर्ज करता है। धर्मांतरित व्यक्ति को जिला मजिस्ट्रेट के सामने पेश होना होगा और अपनी पहचान की पुष्टि करनी होगी। अगर पूरी प्रक्रिया में कोई बाधा न आए तो प्रशासन रूपांतरण प्रमाणपत्र जारी करता है।
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Fri, 15 Mar 2024 15:03:00 +0530 https://loksabhachunav.prabhasakshi.com/news/allahabad-high-court-couples-of-opposite-religions-cannot-live-in-live-in-relationship-388995
<![CDATA[Rajasthan News: राजस्थान सरकार ने जनता को दिया डबल खुशखबरी, डीए बढ़ाने के साथ कम किए पेट्रोल-डीजल के दाम]]> राजस्थान सरकार ने लोकसभा चुनाव से पहले राज्य में पेट्रोल व डीजल पर वैट में 2% कटौती करने का फैसला लिया है। इसके साथ ही सरकार ने राज्य कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में 4% बढ़ोत्तरी करने का फैसला किया है। राजस्थान के मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में पेट्रोल-डीजल के दाम को लेकर विसंगतियां थीं। ऐसे में हमने इन विसंगतियों को दूर किया है और वैट की दर में 2 फीसदी की कमी की है।
 
राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा ने कहा कि पेट्रोलियम पदार्थों पर वैट में 2% कमी और तेल विपणन कंपनियों की तरफ से उठाए जाने वाले कदमों से राजस्थान में पेट्रोल के दाम में 1.40 रुपए से लेकर 5.30 रुपए तक कमी देखने को मिलेगी। वहीं डीजल के दामों में 1.34 रुपए से लेकर 4.85 रुपए तक कम होंगे। सीएम ने बताया कि 15 मार्च से पेट्रोल-डीजल की कम हुई कीमतें लागू होंगी। इससे राज्य सरकार के ऊपर करीब 1500 करोड़ रुपए का भार आएगा।

इसके साथ ही कैबिनेट ने राज्य कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में भी 4% बढ़ोत्तरी किए जाने का फैसला किया है। सीएम शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों के अनुरूप महंगाई भत्ते में 4% की बढ़ोत्तरी की गई है। यह 1 जनवरी 2024 से 50 फीसदी महंगाई भत्ता देय होगा। उन्होंने कहा कि इससे पहले राज्य कर्मचारियों को 46 फीसदी महंगाई भत्ता दिया जा रहा था। वहीं 4% महंगाई भत्ता बढ़ाए जाने पर यह बढ़कर 50% हो गया।

सीएम शर्मा ने बताया कि इस फैसला का लाभ करीब 8 लाख से अधिक कर्मचारियों और 4.40 लाख पेंशनरों को मिलेगा। इससे राजस्थान सरकार पर करीब 1640 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ आएगा। बढ़ाए गए महंगाई भत्ते का लाभ पंचायत समिति और जिला परिषद के कर्मचारियों को भी मिलेगा।
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Fri, 15 Mar 2024 13:38:00 +0530 https://loksabhachunav.prabhasakshi.com/news/rajasthan-government-gave-good-news-to-public-increasing-da-prices-of-petrol-diesel-reduced-388977
<![CDATA[Defense Ministry: PM मोदी की अगुवाई में भारत रक्षा क्षेत्र के मामले में बना 'आत्मनिर्भर', उठाए गए कई क्रांतिकारी कदम]]> भारत को अब तक दुनिया के रक्षा उपकरणों के सबसे बड़े आयातक के रूप में जाना जाता था। वहीं विश्व के आयातक देशों की लिस्ट में भारत का स्थान सऊदी अरब के बाद है। लेकिन हालिया दिनों में पीएम मोदी के नेतृत्व में रक्षा उपकरणों के निर्यात के मामले में भारत दुनिया के शीर्ष 25 देशों की लिस्ट में शामिल हो गया है। रक्षा उपकरणों के निर्यात को बढ़ाने के लिए मोदी सरकार ने कई क्रांतिकारी कदम उठाए हैं। आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत केंद्र सरकार ने 101 रक्षा उपकरणों के आयात पर रोक लगा दी। 

स्वदेशी मिसाइल आकाश के निर्यात को मंजूरी
इसके अलावा केंद्र की मोदी सरकार ने 209 रक्षा उपकरणों की एक लिस्ट भी बनाई है। इस लिस्ट में शामिल उपकरणों के आयात को समयबद्ध तरीके से खत्म कर दिया जाएगा। वहीं भारत में ही निर्माण किए जाने के लिए 460 से ज्यादा लाइसेंस जारी किए। वहीं रक्षा उपकरणों का उत्पादन करने वाली कम्पनियों में विदेशी निवेश की सीमा को बढ़ाकर 74 फीसदी कर दिया गया है। इसके साथ ही रक्षा बजट पर खर्च की जाने वाली कुल राशि का 68 प्रतिशत भाग 2022-23 के बजट में देश में ही उत्पादित रक्षा उपकरणों पर खर्च किए जाने की व्यवस्था की गई। 

आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत मोदी सरकार ने स्वदेशी मिसाइल आकाश के निर्यात को मंजूरी दी। जिसके परिणामस्वरूप इंडोनेशिया, फिलिपींस के बहरीन, केन्या, वियतनाम, सउदी अरब, मिस्र, अल्जीरिया संयुक्त अरब अमीरात आदि देशों से आकाश मिसाइल को खरीदने की बातचीत चल रही है। वहीं वियतनाम इंडोनेशिया,सउदी अरब, फिलीपींस, संयुक्त अरब अमीरात, दक्षिण अफ्रीका आदि देशों से भारत की ब्रह्मोस मिसाइल की खरीद को लेकर भी चर्चा हो रही है। इसके अलावा केंद्र सरकार ने कई डिफेंस कॉरिडोर को भी बढ़ावा देने का काम किया है।

बता दें कि पिछले 7 सालों में देश ने 38,000 करोड़ रुपए के रक्षा उपकरणों का निर्यात किया। रक्षा मंत्रालय के आंकड़े के देश ने साल 2017 में 1521 करोड़ रुपए के रक्षा उपकरणों का निर्यात किया था। वहीं यह साल 2018 में 4,682 करोड़ रुपए हुआ, साल 2019 में और बढ़कर 10,745 करोड़ रुपए के पास पहुंच गया। वहीं वित्तीय वर्ष 2023-24 में रक्षा सामान, एयरोस्पेस और रक्षा सेवाओं में 35,000 करोड़ रुपये के निर्यात का लक्ष्य रखा गया। इससे न सिर्फ देश की अर्थव्यवस्था के विकास को पर लगेंगे बल्कि रोजगार में भी बढ़ोत्तरी होगी।

बीजेपी के युवा नेता जयराम विप्लव के मुताबिक वर्तमान समय में देश की गिनती विश्वशक्ति के रूप में हो रही है। रक्षा और अनुसंधान क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मोदी सरकार में रक्षा बजट दोगुना होने के साथ ही 'आत्मनिर्भर भारत' और 'मेक इन इंडिया' जैसे कार्यक्रमों ने भारत को रक्षा हथियारों का निर्यातक बनाया है। देश की सुरक्षा के साथ ही यह कदम भारत की धाक को विश्व में बढ़ाने वाला है।
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Thu, 14 Mar 2024 20:29:00 +0530 https://loksabhachunav.prabhasakshi.com/news/leadership-of-pm-modi-india-became-self-reliant-in-defense-many-revolutionary-steps-taken-388888
<![CDATA[Manipur Violence: फाइटर चुंगरेंग कोरेन ने PM मोदी से की मणिपुर आने की अपील, विपक्ष ने साधा निशाना]]> एक साल से मणिपुर हिंसा की तपिश कम होने का नाम नहीं ले रही है। इस बीच तमाम लोगों ने प्रधानमंत्री मोदी से मणिपुर आने की अपील की है। वहीं विपक्ष द्वारा पीएम के मणिपुर न जाने पर कई बार निशाना साधा जा चुका है। वहीं मिक्स मार्शल आर्ट फाइटर चैंपियन चुंगरेंग कोरेन का एक वीडियो मणिपुर हिंसा को लेकर सामने आया है। मिक्स मार्शल आर्ट फाइटर चैंपियन चुंगरेंग पीएम मोदी से मणिपुर आने की अपील कर रहे हैं। उन्होंने वीडियो में मणिपुर का दर्द बयां किया है। कोरेन ने कहा कि पीएम मोदी प्लीज आप एक बार मणिपुर आएं। यह कहते हुए वह भावुक हो जाते हैं और रोने लगते हैं। अब यह वीडियो सोशल मीडिया पर काफी ज्यादा वायरल हो रहा है। वहीं विपक्ष ने इस वीडियो को शेयर करते हुए प्रधानमंत्री मोदी को निशाने पर लिया है।

हांलाकि चैंपियन चुंगरेंग ने यह अपील कब की है। इस बारे में अभी तक जानकारी नहीं मिल सकी है। लेकिन वह फाइटर रिंग के अंदर दिखाई दे रहे हैं। उनके हाथ में ग्लव्स और माइक है। माइक पर वह अपील करते हुए भावुक हो जाते हैं। वह कहते हैं कि यह उनकी रिक्वेस्ट है कि पीएम मोदी मणिपुर में हिंसा हो रही है। लगभग एक साल होने को है और लोग हर दिन मर रहे हैं। कई लोग रिलीफ कैंप में रह रहे हैं। लोगों को अच्छा खाना-पानी नहीं मिल रहा है। वहीं बच्चे अच्छे से पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं। यहां की जनता अपने भविष्य को लेकर काफी चिंतित है। ऐसे में आप एक बार जल्द से जल्द राज्य में विजिट कर लें और मणिपुर को शांत कराएं।

कांग्रेस और कांग्रेस के कई नेताओं द्वारा इस वीडियो को शेयर किया गया है। वहीं युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी ने लिखा है कि यह मणिपुर के चुंगरेंग कोरेन हैं। काश पीएम मोदी उनके परिवार का हिस्सा होते, तो मणिपुर के नागरिक आज रोने को मजबूर नहीं होता।

वहीं कांग्रेस ने ट्वीट करते हुए कहा कि पीएम मोदी मणिपुर में हिंसा हो रही है। लोग हर दिन मर रहे हैं और कैंप में रहने को मजबूर हैं। लोगों को अच्छा खाना नहीं मिल रहा, बच्चे पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं। काश पीएम मोदी मणिपुर का दर्द समझ पाते और वह मणिपुर जाते।

इसके साथ ही आप पार्टी ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि मणिपुर में हिंसा जारी है। लोग हर दिन मर रहे हैं। ऐसे में एक बार पीएम मोदी राज्य में विजिट कर लें। हमें यहां शांति चाहिए। खिलाड़ी जीत पर भी दुख से रो रहा है। पीएम मोदी ने देश का यह हाल कर दिया है।
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Thu, 14 Mar 2024 19:56:00 +0530 https://loksabhachunav.prabhasakshi.com/news/fighter-chungreng-koren-appealed-to-pm-modi-to-come-to-manipur-opposition-targeted-388886
<![CDATA[Bihar Politics: बीजेपी के साथ डील में चिराग पासवान को बिहार की 5 सीटें मिलीं]]> कई दिनों की बातचीत के बाद, बीजेपी और एलजेपी सीट-बंटवारे की व्यवस्था पर पहुंच गए हैं, जिसमें चिराग पासवान के नेतृत्व वाली पार्टी पांच सीटों पर समझौता कर रही है, जिसमें हाजीपुर भी शामिल है, जिसका प्रतिनिधित्व उनके पिता ने आठ बार किया था। भाजपा के साथ सीटों का बंटवारा चिराग के चाचा पशुपति कुमार पारस की कीमत पर हो सकता है, जो राम विलास पासवान की मृत्यु के बाद 2019 के चुनाव में जीते छह सांसदों में से पांच के साथ चले गए थे। चिराग वर्तमान में लोकसभा में हाजीपुर का प्रतिनिधित्व करते हैं और केंद्र सरकार के मंत्री हैं।
बदल सकते हैं सियासी समीकरण
फिल्मों में अभिनय कर चुके चिराग पासवान अपने कट्टर दुश्मन नीतीश कुमार के साथ गठबंधन का हिस्सा बनेंगे, जिन्होंने हाल ही में राजद और कांग्रेस से नाता तोड़ लिया है। बुधवार को सीट बंटवारे के मुद्दे पर चिराग ने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ बैठक की. बैठक के बाद जमुई से दो बार के सांसद ने कहा, '' बिहार में एनडीए के सभी दलों के बीच लोकसभा सीटों का बंटवारा तय हो गया है. जल्द ही इसकी औपचारिक घोषणा की जाएगी. मेरी सभी चिंताओं का भाजपा ने समाधान कर दिया है।'
उन्होंने विश्वास जताया कि एनडीए बिहार की सभी 40 लोकसभा सीटें जीतेगा और चुनाव में 400 का आंकड़ा पार करेगा। अपने अलग हो चुके चाचा के नेतृत्व वाले गुट के भाग्य के बारे में पत्रकारों के सवालों के जवाब में, चिराग ने कहा कि यह उनकी चिंता का विषय नहीं है।
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Thu, 14 Mar 2024 15:51:00 +0530 https://loksabhachunav.prabhasakshi.com/news/chirag-paswan-got-5-seats-in-bihar-deal-with-bjp-388832
<![CDATA[Kisan Kalyan: मोदी सरकार ने अपने कार्यकाल में कृषि क्षेत्र का चेहरा बदलने पर किया फोकस, बनाए नए कीर्तिमान]]> प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपना दूसरा कार्यकाल पूरा करने वाले हैं। बीते 10 सालों में केंद्र की मोदी सरकार का पूरा जोर कृषि क्षेत्र की ताल, चरित्र और चेहरा बदलने पर रहा। इस दौरान किसानों के उत्पादों की खरीद और न्यूनतम समर्थन मूल्य से लेकर बजट आवंटन तक में रिकॉर्ड बढ़ोतरी हुई। वहीं मोदी सरकार ने किसानों को समृद्ध बनाने के लिए कई अहम कदम भी उठाए। दूसरे उत्पादों को भी सरकारी खरीद के दायरे में शामिल किए जाने के साथ ही तकनीक आधारित खेती की दिशा में भी कई अभिनव प्रयोग किए गए हैं।

अगर बजट की बात करें तो मोदी सरकार में इसमें 5.26 गुना बढ़ोतरी हुई। साल 2018 में शुरू की गई किसान सम्मान निधि के तहत 11 करोड़ किसानों को 2.81 लाख करोड़ की सहायता की गई। वहीं रबी, खरीब और वाणिज्यिक फसलों की MSP पर भी 50 फीसदी से ज्यादा वृद्धि की गई। किसान भाइयों की मदद के लिए सस्ते दर पर 20 लाख करोड़ के ऋण की व्यवस्था की गई। जिसमें पहली बार मत्स्यपालकों और पशुपालकों को भी शामिल किया गया।

जहां परंपरागत खेती की जगह नकदी फसलों के माध्यम से किसानों को समृद्ध करने के लिए मोदी सरकार द्वारा विशेष व्यवस्था की। वहीं ग्रामीण कृषि बाजार और राष्ट्रीय कृषि बाजार के माध्यम से पान के पत्ते, बांस, स्वीट कॉर्न और नारियल जैसी फसलों का व्यापार 3,19 लाख करोड़ तक पहुंचा। बुनियादी ढांचा विकास के लिए कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड एक लाख करोड़ का स्थापित किया गया। इसके अलावा फसल बीमा योजना के तहत कवर एरिया में रिकार्ड बढ़ोत्तरी दर्ज की गई। खासतौर पर वन ड्रॉप मोर क्रॉप कार्यक्रम की बड़े स्तर पर चर्चा हुई।

वन ड्रॉप मोर क्रॉप कार्यक्रम के तहत राज्यों को 18726.61 रुपये आवंटित किए गए। सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली में 78.47 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को शामिल किया गया। एग्री बिजनेस इनक्यूबेटर्स और नॉलेज पार्टनर्स द्वारा 1,524 स्टार्ट अप का चयन किया गया। केंद्र सरकार द्वारा 106.25 करोड़ रुपए जारी किए गए। वहीं 24 कृषि व्यवसाय इनक्यूबेटरों के साथ 5 नॉलेज पार्टनर्स को मंजूरी दी गई। वहीं खेती में ड्रोन के प्रयोग को ऐतिहासिल बढ़ावा मिला। दो साल में ड्रोन उपलब्ध कराने का महिला स्वयं सहायता समूहों को अगले लक्ष्य निर्धारित किया गया।

कृषि क्षेत्र में मोदी सरकार ने तकनीकी को बढ़ावा देने के लिए फसल अवशेष प्रबंधन और कृषि यंत्रीकरण को 6405.55 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है। वहीं किसानों को सब्सिडी पर 15,23,650 मशीनें और उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं। वहीं कृषि उपकरण किसानों को किराए पर देने की व्यवस्था की गई। इसके साथ ही कृषि उत्पादों को बढ़ावा देने, खराब होने से बचाने और बेहतर कीमत दिलाने के लिए किसान रेल की शुरूआत की गई। किसानों को परिवहन भाड़े में 45 फीसदी सब्सिडी दी गई। सरकार ने अन्न श्री की उपज को प्रोत्साहित करने के लिए भी कई योजनाएं और कार्यक्रम बनाए।
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Wed, 13 Mar 2024 19:29:00 +0530 https://loksabhachunav.prabhasakshi.com/news/modi-government-focused-on-changing-face-agriculture-during-tenure-created-new-records-388719
<![CDATA[Karnataka News: कर्नाटक के गृहमंत्री परमेश्वर ने CAA पर दिया बड़ा बयान, कहा- कैबिनेट में लिया जाएगा अंतिम फैसला]]> सोमवार देर शाम देशभर में केंद्र की मोदी सरकार ने CAA को लेकर नोटिफिकेशन जारी किया। जहां कई राज्यों द्वारा इसका स्वागत किया गया, तो कई राज्यों की सरकारों द्वारा इसका विरोध किया गया। साथ ही इन राज्य सरकारों ने इसे अपने प्रदेश में लागू करने से मना कर दिया है। वहीं कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने CAA लागू करने को लेकर बुधवार को बड़ा दिया है। उन्होंने बताया कि नागरिकता संशोधन अधिनियम लागू किए जाने या इसे अस्वीकार करने का फैसला राज्य कैबिनेट की बैठक में किया जाएगा।

कैबिनेट बैठक में लिया जाएगा फैसला
राज्य गृहमंत्री परमेश्वर ने बताया कि अभी इस संबंध में कोई चर्चा नहीं की गई है। वहीं कैबिनेट बैठक करने के बाद सीएम सिद्दारमैया इस पर फैसला करेंगे। उन्होंने बताया कि फिलहाल मुख्यमंत्री दौरे पर हैं और गुरुवार को कैबिनेट की बैठक बुलाई जाएगी। कैबिनेट में सीएए की विस्तृत चर्चा किए जाने के बाद अंतिम फैसला किया जाएगा। गृहमंत्री ने बताया कि कर्नाटक से अन्य देशों के लोगों की पहचान कर उन्हें निर्वासित किया गया है।

CAA को लेकर राजनीति
परमेश्वर ने बताया कि बीजेपी दावा कर रही है कि सीएए के कार्यान्वयन से कांग्रेस को झटका लगने का डर है। लेकिन उनकी पार्टी का देश में लोकतंत्र को बचाए रखने का है। बीजेपी द्वारा सीएए लागू कर दिया गया है। ऐसे में भाजपा सीएए का इस्तेमाल राजनीति के लिए कर रही है। लेकिन सवाल यह है कि बीजेपी चुनाव के समय इसे लेकर क्यों आई है। क्योंकि चुनाव को ध्यान में रखते हुए ऐसा किया जा रहा है। बीजेपी के इरादों को लोगों को समझने की जरूरत है।

इसके अलावा विवादास्पद जाति जनगणना रिपोर्ट के बारे में परमेश्वर ने बताया कि यह अभी तक ऐजेंडे में सूचीबद्ध नहीं है। उन्होंने बताया कि इस पर चर्चा की जाएगी। सरकार ने रिपोर्ट तैयार करने पर 168 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। जिसको बर्बाद नहीं किया जा सकता है।
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Wed, 13 Mar 2024 18:59:00 +0530 https://loksabhachunav.prabhasakshi.com/news/parameshwara-gave-big-statement-on-caa-said-final-decision-taken-in-cabinet-388715
<![CDATA[ Haryana: लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव 2024 से पहले नायब सिंह सैनी हरियाणा में बीजेपी के लिए क्या लेकर आए हैं?]]> भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मंगलवार को अपनी हरियाणा इकाई के प्रमुख नायब सिंह सैनी को राज्य का नया मुख्यमंत्री बनाने का फैसला किया। उन्होंने दो बार के सीएम रह चुके मनोहर लाल खट्टर का स्थान लिया है, वहीं कयास लगाए जा रहे है कि मनोहर लाल खट्टर करनाल लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की संभावना है।
इस घटनाक्रम का महत्व इसलिए बढ़ गया क्योंकि भाजपा ने 543 सीटों में से 370 से अधिक सीटें जीतने का लक्ष्य रखते हुए लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी की। वहीं, इस साल अक्टूबर में हरियाणा में भी विधानसभा चुनाव होने हैं। हरियाणा में बीजेपी 2014 से सत्ता में है।
नायब सिंह सैनी बीजेपी के लिए क्यों हैं महत्वपूर्ण?
ओबीसी समुदाय पर मजबूत पकड़
नायब सिंह सैनी हरियाणा में ओबीसी समुदाय से हैं। इसलिए, उन्हें सीएम बनाने के कदम को भाजपा के लिए जाति समीकरण को सही करने और ओबीसी के बीच वोट शेयर में सेंध लगाने के एक तरीके के रूप में देखा जा सकता है। भाजपा ने अक्टूबर में ओम प्रकाश धनखड़ की जगह सैनी को हरियाणा पार्टी प्रमुख बनाया था, इस कदम को ओबीसी समुदाय पर अपनी पकड़ मजबूत करने के प्रयास के रूप में देखा गया था। पीटीआई के मुताबिक, 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पार्टी के केंद्र में सत्ता में आने के बाद से कई राज्यों में बीजेपी की बढ़त के लिए गैर-प्रमुख ओबीसी जातियों का समर्थन महत्वपूर्ण है।
सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटीज (सीएसडीएस) के एक शोध कार्यक्रम लोकनीति के आंकड़ों के अनुसार, 2019 के लोकसभा चुनावों में, भाजपा ने गैर-जाट उच्च जाति के वोटों और ओबीसी वोटों का 70 प्रतिशत से अधिक वोट हासिल किया।  खट्टर ने भाजपा को गैर-जाट जातियों से महत्वपूर्ण समर्थन हासिल करने में मदद की थी।
इस साल, भाजपा सभी 10 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है, जिसमें पश्चिमी जिले हिसार और भिवानी भी शामिल हैं, जहां महत्वपूर्ण ओबीसी आबादी है। खट्टर की तरह सैनी भी गैर-जाट सीएम हैं। बता दें कि, अनुसूचित जाति की जनसंख्या के मामले में हरियाणा भारत में पांचवें स्थान पर है। हरियाणा में ओबीसी श्रेणी के अंतर्गत 74 जातियां/समुदाय (केंद्रीय सूची में) हैं। 2011 की जनगणना के अनुसार, हरियाणा में अनुसूचित जाति की आबादी का प्रतिशत लगभग 20 प्रतिशत दर्ज किया गया था। ग्रामीण क्षेत्रों में यह 22.5 प्रतिशत थी और शहरी क्षेत्रों में यह 14.4 प्रतिशत से घटकर 15.8 प्रतिशत हो गयी।
बीजेपी नये चेहरों को आगे ला रही है
सैनी की नियुक्ति युवा नेतृत्व को आगे बढ़ाने की भाजपा की कवायद से मेल खाती है। वह, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव और राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा की तरह, 50 वर्ष के हैं, जबकि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साई पिछले महीने 60 वर्ष के हो गए। लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी लगातार सरप्राइज दे रही है।  पिछले साल के विधानसभा चुनावों में भी बीजेपी ने सीएम के तौर पर नए चेहरों को चुना था। उदाहरण के लिए, आदिवासी नेता विष्णु देव साई छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री बने, जबकि उनके दो डिप्टी में से एक अरुण साव ओबीसी से आते हैं।
सत्ता विरोधी लहर का मुकाबला करें
नए मुख्यमंत्री की नियुक्ति को सत्ता विरोधी लहर का मुकाबला करने के एक तरीके के रूप में देखा जा सकता है जिसका सामना किसानों के चल रहे विरोध के बीच खट्टर सरकार को करना पड़ रहा है। यह पहली बार नहीं है कि बीजेपी ने किसी राज्य सरकार में आचनक बदलाव किया है। पहले भी, पार्टी का मानना ​​था कि विधानसभा चुनावों के करीब गार्ड में बदलाव से उसे सत्ता विरोधी लहर को मात देने में मदद मिली। उदाहरण के लिए, 2021 में उत्तराखंड में सीएम पद के लिए पुष्कर सिंह धामी भाजपा की आश्चर्यजनक पसंद थे। धामी ने 2021 में पहली बार सीएम के रूप में पदभार संभाला क्योंकि तीरथ सिंह रावत ने चार महीने से कम समय तक पद संभालने के बाद पद छोड़ दिया।
2014 में बीजेपी हरियाणा में सत्ता में आई, 2014 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने करीब 33 फीसदी वोट शेयर के साथ 90 में से 47 सीटें जीती थीं। बाद में, 2019 के विधानसभा चुनावों में, पार्टी का वोट शेयर मामूली रूप से बढ़कर 36 प्रतिशत हो गया, लेकिन जीती गई सीटों की संख्या घटकर 40 हो गई - जो विधानसभा में बहुमत से छह कम थी।
 इस बीच, 2014 के लोकसभा चुनावों में, भाजपा ने 35 प्रतिशत वोट शेयर के साथ हरियाणा की 10 लोकसभा सीटों में से सात पर जीत हासिल की। 2019 में बीजेपी ने 58 फीसदी वोट शेयर के साथ सभी 10 सीटें जीतीं।
जाट वोट बंट चुके
एक गैर-जाट नेता के रूप में, खट्टर ने पिछले चुनावों में भाजपा को गैर-जाट जातियों से समर्थन हासिल करने में मदद की थी। भाजपा शायद इसके लिए सैनी पर भरोसा कर रही है। अब पार्टी ने जननायक जनता पार्टी (JJP) से नाता तोड़ लिया है। हरियाणा विधानसभा में डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के नेतृत्व वाली जेजेपी के 10 विधायक थे। पार्टी की स्थापना 2018 में चौटाला ने की थी। 
इसका तात्पर्य यह है कि राज्य में सबसे अधिक आबादी वाले समुदाय जाटों के वोट कांग्रेस, जेजेपी और इंडियन नेशनल लोक दल (आईएनएलडी) के बीच विभाजित होने की संभावना है। 2014 के लोकसभा चुनाव में, INLD ने 19 सीटें जीतीं, जबकि 2019 के चुनाव में, उसे केवल एक सीट मिली थी।
सर्वेक्षण अनुमानों और रिपोर्टों के अनुसार, जाट राज्य की आबादी का लगभग 20 से 29 प्रतिशत प्रतिनिधित्व करते हैं। वर्षों से, हरियाणा के राजनीतिक परिदृश्य पर मुख्य रूप से जाटों का वर्चस्व रहा है। हालांकि, यह गतिशीलता 2014 में भाजपा के मनोहर लाल खट्टर की राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में नियुक्ति के साथ बदल गई। लगभग दो दशकों में यह पहली बार था कि किसी गैर-जाट नेता ने यह भूमिका संभाली थी।
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Wed, 13 Mar 2024 15:25:00 +0530 https://loksabhachunav.prabhasakshi.com/news/haryana-cm-nayab-singh-saini-what-brings-for-bjp-in-loksabha-assembly-election-388668
<![CDATA[Sports Ministry: खेल व खिलाड़ियों के हितों के लिए प्रतिबद्ध है मोदी सरकार, भारत में बदली खेल प्रणाली]]> केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि पिछले पांच साल में उनके मंत्रालय ने विभिन्न खेल विकास योजनाओं के तहत छह हजार 801 करोड़ 30 लाख रुपये जारी किए। उन्होंने कहा कि खेल राज्यों से जुड़ा मामला है। इसलिए ग्रामीण स्तर पर लोगों को खेल सुविधा मुहैया कराना राज्य व केंद्र शासित प्रदेश की सरकार का काम है। केंद्र सरकार इनका सहयोग करती है।

खेल और युवा मामलों के मंत्री अनुराग ठाकुर ने भारतीय खिलाड़ियों के लिए एक बड़ी घोषणा की। खेल और युवा मामलों के मंत्री ने बताया कि अब खेलो इंडिया के खिलाड़ी सरकारी नौकरी के लिए योग्य होंगे। उन्होंने यह जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट करते हुए यह जानकारी शेयर की। उन्होंने पोस्ट के जरिए बताया, 'खिलाड़ियों के लिए बड़ी घोषणा' पीएम मोदी के नुरूप मजबूत स्पोर्ट्स ईकोसिस्टम के विजन के तहत अब जमीनी स्तर पर खेल प्रतिभा को आगे बढ़ाने का मौका। वहीं खेल को आकर्षक करियर विकल्प में बदले के लिए अब खेलो इंडिया के खिलाड़ी अब सरकारी नौकरी के पात्र होंगे।

पीएम मोदी ने केंद्र सरकार द्वारा किए गए विभिन्न सुधारों और पिछले 10 सालों में एथलीटों को प्रदान किए गए सहायता कार्यक्रमों को देश द्वारा टोक्यो ओलंपित जैसे अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों में दर्ज की गई सफलता का मुख्य कारण बताया। उन्होंने कहा कि देश में पहले भी खिलाड़ी मेहनती और जुनूनी थे। लेकिन केंद्र की मोदी सरकार से खिलाड़ियों को नया आत्मविश्वास और समर्थन मिला। पीएम मोदी ने कहा कि पिछले 10 सालों में मोदी सरकार में एथलीटों ने बेहतर प्रदर्शन किया। वहीं भारत में पूरी खेल प्रणाली बदल गई।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा के सरकार द्वारा कई परिवर्तनकारी जैसे- खेलो इंडिया और टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम की शुरूआत की गई। वहीं लॉंस एंजिल्स में 2028 ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में सरकार एथलीटों को हर संभव मदद प्रदान कर रही है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में खेलों में युवाओं के आने का इंतजार नहीं किया जा रहा है, बल्कि खेलों को युवाओं तक ले जाने का कार्य किया गया है।

युवा मामले और खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के अनुसार, पीएम मोदी की सही रणनीति से खेलो इंडिया पहल का महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है। पीएम मोदी की इस पहल की वजह से एशियाई खेलों 2023 में 41 पदक जीते हैं। केंद्रीय खेल मंत्री ने कहा कि भारत को निकट भविष्य में एक बेहतर खेल राष्ट्र बनने की ओर ले जाएगा। भारत की व्यापक खेल परियोजना में खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स, खेलो इंडिया वाटर गेम्स, खेलो इंडिया यूथ गेम्स और खेलो इंडिया पैरा गेम्स के अलावा बहुत कुछ शामिल है। वहीं मंत्रालय की ओर से देशभर में 331 खेल बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए करीब 3,000 करोड़ रुपए मंजूर किए गए हैं।
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Tue, 12 Mar 2024 21:28:00 +0530 https://loksabhachunav.prabhasakshi.com/news/modi-government-committed-to-interests-of-sports-and-players-changed-sports-system-in-india-388576
<![CDATA[Kerala Politics: केरल सीएम विजयन ने कहा, CAA मानवता के लिए खुली चुनौती, केरल इसे लागू नहीं करेगा]]> केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने सोमवार को कहा कि लोकसभा चुनाव से कुछ हफ्ते पहले विवादास्पद नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को लागू करने के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के फैसले का उद्देश्य "लोगों को विभाजित करना, सांप्रदायिक भावनाओं को भड़काना" है और संविधान के मूल सिद्धांतों को कमजोर कर रहे हैं।” उन्होंने यह भी घोषणा की कि केरल सरकार इसे राज्य में लागू नहीं होने देगी। केंद्र ने सोमवार शाम को सीएए के नियमों की अधिसूचना जारी कर इसे पूरे देश में लागू करने का रास्ता साफ कर दिया। इस कानून का उद्देश्य अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आए गैर-मुस्लिम प्रवासियों को नागरिकता देना है।
सीएम पिनाराई विजयन ने  CAA का विरोध किया
चेतावनी देते हुए कि केंद्र का कदम देश को अस्थिर कर देगा, सीएम ने समान अधिकार रखने वाले भारतीय नागरिकों को स्तरीकृत करने के फैसले का एकजुट विरोध करने का आह्वान किया। “इसे केवल संघ परिवार के हिंदुत्व सांप्रदायिक एजेंडे के हिस्से के रूप में देखा जा सकता है। 31 दिसंबर 2014 को या उससे पहले पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आए गैर-मुसलमानों को नागरिकता देना और केवल मुसलमानों को नागरिकता से वंचित करना संविधान का खुला उल्लंघन है। भारतीय नागरिकता को धर्म के आधार पर परिभाषित किया जा रहा है। यह मानवता, देश की परंपराओं और इसके लोगों के लिए एक खुली चुनौती है, ”केरल के सीएम ने एक बयान में कहा।
विजयन ने याद दिलाया कि केरल की विधानसभा सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने वाली देश की पहली विधानसभा थी और राज्य सरकार ने राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को लागू नहीं करने के अपने इरादे की घोषणा की थी। उन्होंने कहा कि राज्य ने सीएए की असंवैधानिकता की ओर इशारा करते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक मुकदमा भी दायर किया और राज्य भर में मानव श्रृंखला विरोध प्रदर्शन आयोजित किया। नेता ने रेखांकित किया कि केरल सीएए को लागू नहीं करेगा जो मुस्लिम अल्पसंख्यकों को "दोयम दर्जे के नागरिक" के रूप में मानता है।
वीडी सतीसन ने जताया विरोध
विधानसभा में विपक्ष के नेता वीडी सतीसन ने भी ''लोगों के मन में डर पैदा करने के उद्देश्य से विभाजन की राजनीति'' अपनाने के लिए केंद्र की आलोचना की। “वे (भाजपा) सांप्रदायिक ध्रुवीकरण पैदा करना चाहते हैं और इससे राजनीतिक लाभ उठाना चाहते हैं। सबसे पहले, उन्होंने अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण किया और राजनीति को धर्म के साथ मिला दिया। यह उनका दूसरा हथियार है, कांग्रेस पूरे देश में इसकी लड़ाई लड़ेगी। हम इसे लागू नहीं होने देंगे।''
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Tue, 12 Mar 2024 15:46:00 +0530 https://loksabhachunav.prabhasakshi.com/news/kerala-cm-vijayan-said-caa-is-an-open-challenge-to-humanity-388516
<![CDATA[Modi Govt Female Oriented Scheme: महिला सशक्तीकरण को समर्पित मोदी सरकार, महिलाओं के उत्थान के लिए किए कई अहम फैसले]]> प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार को भारत में 9 साल से अधिक समय हो गया है। इस दौरान मोदी सरकार व महिला और बाल विकास मंत्री श्रीमती स्मृति जुबिन ईरानी ने महिला उत्थान और बच्चों के संपूर्ण विकास पर भी बहुत काम किया। वहीं 27 साल के लंबे इंतजार के बाद लोकसभा और राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल पारित हो गया। वहीं मोदी सरकार ने महिलाओं के लिए बहुत सारे काम किए हैं। 

फिर चाहे तीन तलाक को कानूनी रूप से खत्म करना हो, या फिर पीएम उज्जवला योजना के माध्यम से महिलाओं को गैस सिलिंडर देना हो। मोदी सरकार महिलाओं को सशक्त करने में सबसे आगे रही। वहीं पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने महिला आरक्षण बिल को भी इसी दिशा में एक कदम के तौर पर देखा जा रहा है। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको मोदी सरकार द्वारा महिलाओं के लिए लाई गई उन स्कीमों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनका सीधा असर महिलाओं पर पड़ा है।

महिला आरक्षण बिल
संसद में महिला आरक्षण बिल पेश किया गया। इसके माध्यम से महिलाओं को लोकसभा और राज्यसभा में 33 फीसदी आरक्षण देने की बात कही गई।

महिला सम्मान सेविंग सर्टिफिकेट
मोदी सरकार की इस योजना के तहत महिलाएं 2 लाख रुपए तक निवेश कर पाएंगी। इस योजना के जरिए महिलाओं को मिलने वाले पैसे पर ब्याज 7.5 फीसदी प्रतिवर्ष है।

महिलाओं को सेना में परमानेंट कमीशन
पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने साल 2020 में महिला अधिकारियों के लिए स्थानी कमीशन प्राप्त करने का रास्ता साफ कर दिया था। इस तरह से सेना में प्रमुख पदों पर महिलाओं की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया।

महिला शक्ति केंद्र स्कीम
इस योजना के जरिए ग्रामीण महिलाओं को सामुदायिक भागीदारी के रास्ते सशक्त बनाने पर जोर दिया गया। जिससे कि ग्रामीण महिलाएं अपनी क्षमता को पहचान सकें।

मैटरनिटी लीव
यह मोदी सरकार की एक बड़ी उपलब्धि रही है। केंद्र की मोदी सरकार ने मैटरनिटी लीव की अवधि को 12 सप्ताह से बढ़ाकर 26 सप्ताह कर दिया। साल 2021 में यह फैसला किया गया था।

पीएम मातृ वंदन योजना
पीएम मातृ वंदन योजना के तहत महिलाओं व स्तनपान कराने वाली मांओं की सेहत में सुधार करने पर जोर दिया गया। साथ ही बच्चे के जन्म पर 5,000 रुपए दिए जाने का प्रावधान किया गया।

तीन तलाक
पीएम मोदी के नेतृत्व में सरकार ने तीन तलाक पर कानूनी पाबंदी लगा दी। इससे मुस्लिम महिलाओं का काफी ज्यादा उत्थान हुआ। वहीं मुस्लिम महिलाओं ने इस फैसले का स्वागत किया।

पीएम उज्जवला योजना
इसके साथ ही सरकार ने हर घर में LPG सिलेंडर पहुंचाने के लिए पीएम उज्जवला योजना की शुरूआत की। इस योजना के तहत ग्रामीण और वंचित परिवारों को फ्री में एलपीजी गैस कनेक्शन दिया गया।

मोदी सरकार की प्रमुख योजनाएं 
इन योजनाओं के अलावा मोदी सरकार ने स्टार्टअप स्कीम, पोषण अभियान, महिला ई-हाट और महिला हेल्पलाइन स्कीम जैसी योजनाओं की शुरूआत की। इसके अलावा सुकन्या समृद्धि योजना और बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना शुरू की।
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Mon, 11 Mar 2024 18:03:00 +0530 https://loksabhachunav.prabhasakshi.com/news/modi-government-dedicated-women-empowerment-took-important-decisions-for-upliftment-of-women-388424
<![CDATA[Jammu and Kashmir: जंगल में पत्थरों के ओट में मिला आतंकी ठिकाना पुलिस ने किया ध्वस्त, 7 IED हुए बरामद]]> जम्मू के संभाग के जिला पुंछ के जंगली क्षेत्र में बीते रविवार को पुलिस और सुरक्षाबलों की टीम ने मिलकर आतंकवादियों के ठिकाने का पर्दाफाश किया। सुरक्षाबलों ने मौके से सात आईईडी और एक वायरलेस सेट बरामद किया। इसके साथ ही सुरक्षाबलों ने आसपास के इलाकों को घरकर तलाशी अभियान चलाया। रविवार को सेना की 16 आरआर, एसओजी, एसएचओ सुरनकोट मुख्तियार अली की टीम ने पुंछ के सुरनकोट के जंगली इलाके में विशेष इनपुट पर तलाशी अभियान चलाया। 

इस दौरान जंगल के बीच बड़े पत्थरों की ओट में आतंकवादियों के ठिकाने का पता चला। वहीं मौके से सात आईईडी और एक वायरलेस सेट, कंबल और अन्य सामग्रियां मिलीं। पुलिस ने इस सामान को जब्त कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी। शुरूआती जांच से पता चला कि दो दशक पहले इस ठिकाने का इस्तेमाल क्षेत्र में सक्रिय आतंकवादियों द्वारा किया गया था। इससे पहले  सुरक्षाबलों ने उत्तरी कश्मीर के बारामुला जिले के सोपोर में शनिवार को आतंकवादियों का ठिकाना ध्वस्त किया था। इसके अलावा यहां से गोला बारूद और हथियार बरामद किए गए। आतंकवादियों ने अपना ठिकाना कब्रिस्तान में बनाया था।

आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक जम्मू-कश्मीर पुलिस और सेना की 22 राष्ट्रीय राइफल्स के जवानों ने प्राप्त सूचना के आधार पर बोमई सोपोर के गांव लोगरिपोरा में तलाशी अभियान चलाया था। तलाशी के दौरान कब्रिस्तान के जमीन के नीचे बनाया गया आतंकी ठिकाना मिला था। इस जगह से 2 मैगजीन, एक पिस्तौल, जिंदा कारतूस, 2 पाउच के अलावा अन्य हथियार और गोला बारूद बरामद किए गए। पुलिस ने आतंकी ठिकाने से मिले गोला-बारूद अपने कब्जे में ले लिया। पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया कि मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है।
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Mon, 11 Mar 2024 17:06:00 +0530 https://loksabhachunav.prabhasakshi.com/news/police-destroyed-terrorist-hideout-found-hidden-behind-stones-in-forest-7-ieds-recovered-388414
<![CDATA[Uttar Pradesh Politics: सपा के गढ़ में PM Modi ने कहा, आजमगढ़ अब 'विकास का गढ़']]> समाजवादी पार्टी के राजनीतिक गढ़ आज़मगढ़ में तीखा हमला करते हुए , प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि उत्तर प्रदेश विकास की नई ऊंचाइयों को छूने के साथ तुष्टिकरण का जहर कमजोर हो रहा है। पूरे भारत में 42,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करते हुए, अकेले यूपी में 34,700 करोड़ रुपये की परियोजनाओं के साथ- पीएम ने याद किया कि कैसे "आजमगढ़ के लोगों ने भोजपुरी गायक-अभिनेता दिनेश लाल निरहुआ जैसे युवा ने   सपा के एक परिवार की जागीर को ध्वस्त करने में मदद की है। 
जबकि सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने 2014 में आज़मगढ़ का प्रतिनिधित्व किया, उनके बेटे अखिलेश यादव 2019 में उनकी जगह सांसद बने। हालांकि, 2022 के लोकसभा उपचुनाव में सपा उम्मीदवार, अखिलेश के चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव बीजेपी के दिनेश लाल निरहुआ से हार गए। ऐसी पूरी उम्मीद है कि अखिलेश इस सीट से दोबारा चुनाव लड़ेंगे।
मोदी ने कहा, वे मोदी को गाली देते हैं
उन्होंने राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद को जवाब देते हुए कहा, "वे इतने हताश हैं कि वे मोदी को गाली देते हैं और कहते हैं कि मोदी का कोई परिवार नहीं है। वे भूल जाते हैं कि देश की 140 करोड़ आबादी मोदी का परिवार है।" कहा कि वह (मोदी) विपक्षी दलों पर परिवारवाद का आरोप लगाते हैं क्योंकि उनका अपना कोई परिवार नहीं है।
मोदी ने कहा, आजमगढ़ अब 'विकास का गढ़'
पीएम ने कहा, "एक समय उग्रवाद, जातिवाद और तुष्टिकरण की राजनीति का शिकार रहा यह जिला अब 'अजन्मागढ़' के रूप में उभरा है - विकास की अंतहीन यात्रा का प्रतीक। यह हमेशा के लिए 'विकास का गढ़' रहेगा।"  जहां मोदी ने आज़मगढ़ के लिए 'अजन्मागढ़' का इस्तेमाल किया, वहीं यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने पिछले भाषणों में इसे 'आर्यमगढ़' के रूप में संदर्भित किया है।
मोदी ने बड़े निवेशों, भूमि-पूजन समारोहों और एक्सप्रेसवे नेटवर्क और राजमार्गों के विस्तार से यूपी की बढ़ती प्रोफ़ाइल पर प्रकाश डाला। उन्होंने कानून एवं व्यवस्था में सुधार पर राज्य के फोकस की सराहना की, जिसका उदाहरण अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण पूरा होना है।
आजमगढ़ आज चमकता सितारा है
मोदी ने कहा "आजमगढ़, जिसे कभी पिछड़ा माना जाता था, आज चमकता सितारा है और देश के लिए विकास की नई इबारत लिख रहा है। एक समय था जब दिल्ली में कोई कार्यक्रम होता था और दूसरे राज्य भी उसमें शामिल होते थे। आज यह कार्यक्रम है।" आज़मगढ़ में आयोजित किया जा रहा है और देश के विभिन्न हिस्सों से हजारों लोग आज़मगढ़ से जुड़ रहे हैं, ”
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Mon, 11 Mar 2024 15:23:00 +0530 https://loksabhachunav.prabhasakshi.com/news/pm-modi-said-azamgarh-now-vikas-ka-garh-388382
<![CDATA[Lok Sabha Elections 2024: दिल्ली में तीन सीटों पर किसे टिकट देगी कांग्रेस पार्टी, जानिए कहां फंसा है पेंच]]> लोकसभा चुनाव 2024 नजदीक आ रहे हैं। ऐसे में सभी राजनैतिक दलों ने तैयारियां करनी शुरू कर दी हैं। जहां भाजपा ने देश की 195 सीटों पर अपने कैंडिडेट के नामों का ऐलान कर दिया है, तो वहीं कांग्रेस पार्टी उम्मीदवारों की पहली सूची जारी करने की तैयारी में है। बीते 07 मार्च को कांग्रेस मुख्यालय पर कांग्रेस चुनाव समिति की बैठक आयोजित हुई। कांग्रेस की इस बैठक में पार्टी के कई बड़े नेताओं ने हिस्सा लिया था।

कांग्रेस की इस बैठक के बाद दावा किया जा रहा है कि जल्द ही कांग्रेस उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर सकती हैं। पार्टी की इस लिस्ट में 60 उम्मीदवारों के नाम हो सकते हैं। लेकिन इस बीच खबर आ रही है कि दिल्ली में उम्मीदवारों के नाम को लेकर पार्टी संशय में है। कांग्रेस आलाकमान चाहता था कि शुक्रवार को जारी होने वाली लिस्ट में दिल्ली के उम्मीदवारों के नामों का भी ऐलान कर दिया जाए। लेकिन अभी भी इसमें कुछ पेंच फंसा हुआ है।

आप-कांग्रेस गठबंधन
बता दें कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी के साथ कांग्रेस ने गठबंधन कर लिया है। इस गठबंधन के तहत पार्टी सिर्फ तीन सीटों पर चुनाव लड़ेगी। ऐसे में पार्टी को नार्थ ईस्ट दिल्ली, नॉर्थ वेस्ट दिल्ली और चांदनी चौक में अपने उम्मीदवार उतारने हैं। लेकिन एक से अधिक दावेदार होने की स्थिति में पार्टी ने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कुछ दिनों के लिए टाल दिया है। वहीं पार्टी आलाकमान ने उम्मीदवारों के नाम चुनने का आखिरी फैसला राष्ट्रीय अध्यक्ष को सौंपा है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, नार्थ ईस्ट दिल्ली से अरविन्द्र सिंह लवली और अनिल चौधरी टिकट मांग रहे हैं, तो वहीं चांदनी चौक से अलका लांबा, जेपी अग्रवाल और संदीप दीक्षित कतार में हैं। वहीं नार्थ वेस्ट दिल्ली से राजकुमार चौहान और उदित राज टिकट की दावेदारी कर रहे हैं। ऐसे में तीनों सीटों पर एक-एक नामों को पार्टी द्वारा तय किया जाएगा। जिसके बाद ही उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की जाएगी।
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Sat, 09 Mar 2024 13:22:00 +0530 https://loksabhachunav.prabhasakshi.com/news/who-congress-party-give-tickets-to-on-three-seats-in-delhi-know-where-problem-lies-388093
<![CDATA[Education Policy: मोदी सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व बदलाव कर युवाओं को दिखाई भविष्य की राह]]> भारत की आबादी की 40 प्रतिशत बच्चे औऱ युवा हैं। यह देश की शक्ति हैं और इनका नियोजन एक चुनौती भी है। राजानीति के प्रासंगिक मुद्दे की बात करें तो 'रोजगार' एक अहम मुद्दा है। वहीं शिक्षा व्यवस्था सुशासन की परख के पैमाने के रूप में सामने होती है। ऐसे में अगर केंद्र की मोदी सरकार को इस कसौटी पर रखकर परखा जाए, तो कई पहलू उभरकर सामने आते हैं। जानकारों की मानें तो नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू कर मोदी सरकार ने स्किल इंडिया मिशन, रिसर्च फाउंडेशन और शिक्षा को रोजगारपरक बनाने जैसी पहल ने युवाओं के हाथों में कुशलता की नई लकीरें उभारने का काम किया है। 

शिक्षा का स्वर्णिम काल
इसके जरिए ही पीएम मोदी समेत बीजेपी का यह भरोसा मजबूत हुआ है कि आत्मनिर्भर भारत की ओर उनके द्वारा किए जा रहे प्रयास सफलता की राह पर हैं। ऐसे में चुनाव में भी मोदी सरकार के लिए युवाओं का वोट उनकी ताकत बनेगा। कौशल विकास, शिक्षा और रोजगार से जुड़े पहलुओं पर गौर करें, तो मोदी सरकार को इसका स्वर्णिम काल माना जा सकता है। इस स्वर्णिम काल में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करने से लेकर इंफ्रास्ट्रक्चर को मजूबती देने वाले सभी काम किए गए हैं। जो युवाओं के सोच और जरूरत के अनुरूप थे। 

डिजिटल शिक्षा
ऑनलाइन व डिजिटल शिक्षा भी मोदी सरकार का एक अहम कदम है। सिर्फ इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से वर्तमान समय में देश के करीब 4 करोड़ से अधिक छात्र इससे जुड़े हैं। हांलाकि डिजिटल शिक्षा को आगे बढ़ाने का प्रयास काफी पहले से की जा रही थी। लेकिन इसको असली रफ्तार कोविड काल में मिली। जब स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय सब बंद हो गए थे। ऐसे में छात्रों को ऑनलाइन पढ़ाई से जोड़ने का काम हुआ। तो वहीं अब यह लोगों की जरूरत बन गई है। खासकर उन छात्रों को इसमें काफी ज्यादा आसानी मिली जो दूर-दराज के क्षेत्रों में रहने के साथ ही गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से दूर हैं।

पीएम मोदी का देश की नई और युवा पीढ़ी के साथ दोस्त बनकर परीक्षा पर चर्चा करना एक मिसाल के तौर पर देखा जाता है। जिसके परिणामस्वरूप मशीन लर्निंग, रोबोटिक्स और एआई जैसे क्षेत्रों में तेजी से सकारात्मक परिणाम भी दिखाई दे रहे हैं। आदित्य मिशन और चंद्रयान के बाद अब अंतरिक्ष में छलांग लगाने की सोच है।

पीएम- श्री स्कूल
स्कूल किस तरह के होने चाहिए, अब तक देश में इसकी कोई आदर्श स्थिति या तस्वीर नहीं थी। लेकिन नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के आने के बाद मोदी सरकार ने हर ब्लॉक के दो सरकारी स्कूलों को आदर्श स्कूलों में बदलने का फैसला किया। जिसेस पीएम-श्री यानी की प्रधानमंत्री स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया का नाम दिया गया। पीएम-श्री के तहत देश के 515 जिलों में पहली खेप में 6207 सरकारी स्कूलों को आदर्श स्कूलों के तहत निखारने का काम शुरू हुआ। साथ ही इन स्कूलों को 630 करोड़ रुपए भी जारी किए गए हैं।

स्किल की शिक्षा
बेरोजगारी के दंश से बचाने के लिए मोदी सरकार ने सत्ता में आने के बाद नई पीढ़ी को इन्हें कौशल से जोड़ने की मुहिम शुरू की। ऐसे में उद्यमिता और कौशल विकास के लिए एक अलग से मंत्रालय बनाया गया। वहीं साल 2030 तक देश के 50 फीसदी युवाओं को किसी न किसी कौशल से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। 10 वर्ष में 5000 नए आईटीआई खोले गए हैं, जिनमें 6 लाख से ज्यादा नई सीटों को जोड़ा गया है।
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Sat, 09 Mar 2024 13:08:00 +0530 https://loksabhachunav.prabhasakshi.com/news/modi-government-shown-path-of-future-to-youth-by-making-changes-in-field-of-education-388087
<![CDATA[Health Care Sector: स्वस्थ राष्ट्र के निर्माण में मोदी सरकार ने निभाई अहम भूमिका, लोगों को मिल रहा सस्ता इलाज और दवाएं]]> स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री मनसुख एल. मंडाविया को मंत्रिपरिषद के सदस्य के रूप में कैबिनेट रैंक प्राप्त है। किसी भी लोक कल्याणकारी सरकार का प्रमुख और मुख्य काम अपनी जनता को स्वस्थ रखना होता है। यह सरकार की जिम्मेदारी है कि जनता को उचित इलाज मिली। हांलाकि इसके लिए सरकार को कई तरह की व्यवस्थाएं करनी होती हैं। जिनमें बड़े-बड़े अस्पताल बनाना, टेस्ट की व्सवस्था करना, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सस्ती या मुफ्त दवाएं और इलाज में मदद करना शामिल है। केंद्र की मोदी सरकार ने जनता के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए कई हेल्थ सेक्टर में कई कार्य किए हैं। क्योंकि स्वस्थ लोग ही स्वस्थ राष्ट्र का निर्माण करते हैं। 

कोरोना की वैक्सीन
साल 2020 में कोरोना महामारी से पूरी दुनिया परेशान थी, तब पीएम मोदी ने समय रहते लॉकडाउन की घोषणा कर दी। इसके साथ ही पीएम मोदी ने जनता से स्वस्थ रहने की अपील करते हुए 'दो गज दूरी, बहुत जरूरी' जैसे नारे दिए। वहीं भारत ने कोरोना वैक्सीन बनाई और पीएम मोदी के नेतृत्व में दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीन कार्यक्रम चलाया। भारत में ही 220 करोड़ से अधिक लोगों को वैक्सीन लगाई गई। इस तरह से मोदी सरकार ने देशवासियों को कोरोना के खौफ से बचाकर उन्हें नया जीवनदान दिया। वहीं कई देशों को मुफ्त में वैक्सीन देकर भारत ने उन्हें अपना मित्र बना लिया।

सस्ता और सुलभ इलाज
एक मरीज को सही समय पर सही इलाज और दवा की जरूरत होती है। केंद्र की मोदी सरकार ने इसकी व्यवस्था सुनिश्चित की। ऐसे में सरकारों की प्राथमिकता सुलभ और सस्ती स्वास्थ्य सेवाएं होती हैं। वहीं केंद्र की मोदी सरकार ने इसको सच्चे मायनों में लागू करके दिखाया है। आधुनिक इलाज काफी महंगा होता है, जिसके कारण गरीब लोग अपना सही समय पर इलाज नहीं करवा पाते हैं। जिसका एक मात्र कारण कि गरीब होने की वजह से वह इलाज का खर्च नहीं उठा पाते थे। 

वहीं अगर इलाज करवा भी लें, तो उसके चक्कर में कर्ज हो जाता था। इन्हीं सारी समस्याओं से पार पाने के लिए केंद्र सरकार ने साल 2018 में आयुष्मान भारत- पीएम जन आरोग्य योजना की शुरूआत की। आपको बता दें कि यह दुनिया को सबसे बड़ा स्वास्थ्य बीमा कार्यक्रम है। प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के जरिए करीब 22 करोड़ भारतीयों के इलाज पर होने वाले खर्च के बोझ से बड़ी राहत मिली।

हेल्थ रिकॉर्ड
पहले मरीज और उनके तामीरदारों के लिए इलाज से जुड़े डॉक्यूमेंट्स को सहेजकर रखना काफी मुश्किल होता था। लेकिन केंद्र सरकार ने आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के जरिए इस काम को काफी आसान बना दिया। बता दें कि आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट्स से 25 करोड़ से ज्यादा लोगों के हेल्थ रिकॉर्ड्स को जोड़ा जा चुका है। ऐसे में अब अपनी हेल्थ से जुड़े तमाम कागजात लेकर जाने की जरूरत नहीं है। बल्कि अब मरीज पेपरलेस जाकर अपने स्वास्थ्य रिकॉर्ड के साथ आगे का इलाज करवा सकते हैं।
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Fri, 08 Mar 2024 18:26:00 +0530 https://loksabhachunav.prabhasakshi.com/news/modi-government-played-role-building-healthy-nation-getting-cheap-treatment-and-medicines-388002